आज की अर्थव्यवस्था समाचार लाइव अपडेट्स – 9 अक्टूबर 2024: आरबीआई एमपीसी बैठक परिणाम – गवर्नर दास ने FY25 के लिए भारत के वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान को 7.2% पर बनाए रखा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की ताजा बैठक के बाRBI MPCद गवर्नर शक्तिकांत दास ने 9 अक्टूबर 2024 को महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। इस बैठक का मुख्य आकर्षण भारत के वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर का 7.2% पर स्थिर रखा जाना था। गवर्नर दास ने देअर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, वैश्विक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के दबावों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया।
अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेत
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से मजबूती दिखा रही है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद सुधार की प्रक्रिया में। FY24 में अर्थव्यवस्था ने मजबूती से वृद्धि की, और FY25 के लिए भी इसी तरह के सकारात्मक संकेत बने हुए हैं।RBI MPCगवर्नर दास ने इस वृद्धि का श्रेय कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों की निरंतर मजबूती को दिया है।
साथ ही, उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी स्थिRBI MPCरता दिखाई है। वैश्विक वित्तीय बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव और भू-अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतराजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था ने लचीलेपन का प्रदर्शन किया है। गवर्नर दास ने उम्मीद जताई कि आगामी तिमाही में भी यह सकारात्मक दिशा जारी रहेगी।
मुद्रास्फीति पर फोकस
हालांकि आर्थिक वृद्धि दर सकारात्मक बनी हुई है, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखना भी आरबीआई की प्राथमिकता है। MPC की बैठक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतमें मुद्रास्फीति के प्रबंधन पर खासा जोर दिया गया। गवर्नर दास ने कRBI MPCहा कि मुद्रास्फीति को मध्यम अवधि मेंRBI MPC4% के लक्ष्य के करीब बनाए रखना आवश्यक है। वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के चलते महंगाई पर दबाव बना हुआ है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।
गवर्नर दास ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि घरेलू स्तर पर खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। हालांकि हाल के महीनों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आई है, लेकिन भविष्य में इसके ऊपर उठने का जोखिम बना हुआ है। इसलिए आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में फिलहाल कोRBI MPCई बदलाव नहीं किया, ताकि महंगाई को काबू में रखा जा सके।अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेत
रोजगार और निवेश पर असर
RBI की नीतियों का असर न सिर्फ आर्थिक वृद्धि पर पड़ता है, बल्कि इससे रोजगार और निवेश में भी सुधार की संभावनाएं होती हैं। गवअर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतर्नर दास ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में रोRBI MPCजगार की स्थिति में सुधार हुआ है, खासकर सेवा क्षेRBI MPCत्र में। साथ ही, सरकारी नीतियों और सुधारों के चलते निजी निवेश में भी वृद्धि देखी गई है। निवेशकों का भरोसा बना हुआ है और आने वाले समय में और अRBI MPCधिक निवेश की उम्मीद है।
दास ने यह भी कहा कि सरकार के बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रमों और उत्पादRBI MPCन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) का असर जल्द ही दिखेगा, जिससे आने वाले वर्षों में नौकरियों के नए अवसर उत्पन्न होंगे। यह भारत RBI MPCकी दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।click here
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और भारत
दुनिया भर में विभिन्नRBI MPC आर्थिक संकट और मंदी की आशंकाओं के बीचRBI MPC, भारत की स्थिति बेहतर मानी जा रही है। गवर्नर दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतवैश्विक मंदी की आशंका के बावजूद, भारत एक मजबूत उपभोक्ता आधार और उच्च घरेलू मांग के साथ एक सुरक्षित स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक किसी भी वैश्विक वित्तीय संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
आरबीआई की भविष्य की रणनीति
गवर्नर दास ने बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारतीय रिजर्व बैंक की प्राथमिRBI MPCकता आर्थिक स्थिरता और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण को अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतबनाए रखना है। आने वाले समय में ब्याज दरों RBI MPCऔर मुद्रास्फीति पर नजर रखते हुए, नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे। RBI की इस नीति का उद्देश्य आर्थिक विकास को बनाए रखना है, साथ ही मुद्रास्फीति को संतुलित स्तर पर रखना है।अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेत
निष्कर्ष
भारत की आर्थिक वृRBI MPCद्धि दर को FY25 में 7.2% पर स्थिर रखना एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुअर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतनौतियों के बावजूद मजबूत और लचीली बनी हुई है। हालांकि मुद्रास्फीति और वैश्विक जोखिRBI MPCत्वपूर्ण संकेत है कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है
READ MOREमों पर नजर रखने की जरूरत है, लेकिन वर्तमान संकेतक अर्थव्यवस्था के स्थिर रहने का संकेत देते हैं। आने वाले समय में RBI की नीतियां इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
आरबीआई की यह घोषणा निवेशकों, उद्यमियों और आम जनता के लिए भी एक मह